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भाषाविज्ञान - विकिपीडिया

भाषाविज्ञान भाषा के अध्ययन की वह शाखा है जिसमें भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास आदि का वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है। [1] भाषाविज्ञान, भाषा के स्वरूप, अर्थ और सन्दर्भ का विश्लेषण करता है। [2] भाषा के दस्तावेजीकरण और विवेचन का सबसे प्राचीन कार्य ६ठी शताब्दी के महान भारतीय वैयाकरण पाणिनि ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ अष्टाध्यायी में कि...

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भाषा विज्ञान और हिन्दी भाषा/भाषाविज्ञान के अंग - विकिपुस्तक

भाषा विज्ञान और हिन्दी भाषा. भाषा कहने से साधारणतः चार तत्वों का बोध होते है— ध्वनि, शब्द (पद), वाक्य और अर्थ। पहले ध्वनि का उच्चारण ...

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हिन्दुस्तानी भाषा - विकिपीडिया

हिन्दुस्तानी (नस्तालीक़: ہندوستانی, अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि: [hɪndʊstaːniː]) या बोलचाल हिन्दी[7] (नस्तालीक़: بول چال ہندی) या आसान उर्दू[8] (नस्तालीक़: آسان اردو) बोली हिन्दी और उर्दू का एकीकृत रूप है। [1][2] ये हिन्दी और उर्दू, दोनो के बोलचाल की भाषा है। इसमें संस्कृत के तत्सम शब्द और अरबी- फ़ारसी के उधार लिये गये शब्द, दोनों कम होते है...

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भाषा शिक्षण/भाषा कौशल - विकिपुस्तक

1.प्रधान कौशल : भाषा का सर्वप्रथम कार्य संप्रेषण करना ही है। यह संप्रेषण भाषा के बिना अधूरा है|संप्रेषण के लिए हमें भाषा के उच्चरित रूप की ही आवश्यकता होती है| भाषा का उच्चरित भाषा का वह रूप है जिसे एक निरीक्षण व्यक्ति भी प्रयोग करता है| इसलिए इससे संबंधित कौशल ही प्रधान कौशल कहे जाते हैं| इसमें निम्नलिखित दो कौशल आते हैं - 1. सुनना. 2. बोलना.

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हिन्दी भाषा का इतिहास - विकिपीडिया

हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। सामान्यतः प्राकृत की अन्तिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिन्दी साहित्य का आविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं शताब्दी से ही 'पद्य' रचना प्रारम्भ हो गयी थी। हिन्दी भाषा व साहित्य के जानकार अपभ्रंश की अंतिम अवस्था ' अवहट्ट ' से हिन्दी का उद्भव स्वीकार...

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हिंदी भाषा का भौगोलिक या क्षेत्र-विस्तार | kshetr vistar - HINDI SARANG

हिंदी भारत के बहुसंख्यक लोगों की भाषा है जो उत्तर भारत के दस राज्यों में बोली-समझी जाती है। इन राज्यों के नाम हैं- 1. हिमाचल प्रदेश, 2. हरियाणा, 3. दिल्ली, 4. उत्तरांचल, 5. उत्तर प्रदेश, 6. राजस्थान, 7. मध्य प्रदेश, 8, छत्तीसगढ़, 9. बिहार, 10.

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हिन्दी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर

विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा अधिक विस्तृत होती है। यह एक प्रान्त या उपप्रान्त में प्रचलित होती है। इसमें साहित्यिक रचनाएँ भी प्राप्त होती हैं। जैसे—हिन्दी की विभाषाएँ हैं—ब्रजभाषा, अवधी, खड़ी बोली, भोजपुरी व मैथिली।.

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भाषा विज्ञान और हिन्दी भाषा/भाषाविज्ञान के अध्ययन क्षेत्र

भाषा विज्ञान के रूप के सम्बन्ध में विद्वानों का एक मत नहीं है। हिन्दी में भाषाविज्ञान की अनेक पुस्तकों में दो प्रकार के मत मिलते हैं ...

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हिंदी दिवस विशेष- हिंदी भाषा का महत्त्व, प्रसार और प्रासंगिकता ...

भाग 5 के अनुच्छेद 120 में बताया गया है कि संसदीय कामकाज की भाषा हिंदी और अंग्रेजी होगी। यदि किन्हीं सदस्यो को इन्हें बोलने में ...

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भाषा की परिभाषा और स्वरूप – भाषाविज्ञान

भाषा का स्वरूप सूक्ष्म और भावात्मक है तो वाक् का स्थूल और भौतिक।. भाषा में स्थायित्व है तो वाक् में अस्थायित्त्व। हम जो बोलते और ...